प्राकृतिक सौन्दर्य साधन :और लाभ

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 नमस्कार पिछले पोस्ट में हमने केमिकल मिश्रित हानिकारक ब्यूटी प्रोडक्ट के बारे में पढ़ा जिनमे मौजूद हानिकारक रसायन तत्काल सुंदरता प्रदान तो करते है परन्तु इनका दूरगामी परिणाम काफी भयाभय होता है जो कई बीमारियों के साथ गंभीर चर्म रोग तथा कैंसर तक के सम्भावना पैदा कर सकते है। तो ऐसे में कुछ प्राकृतिक बस्तुओं से भी हम नेचुरल रूप से चेहरे तथा बालों, शरीर की त्वचा आदि का उचित और सम्पूर्ण देखभाल कर सकते है तो आइये आज जानते है हमारे आसपास मौजूद आसानी से पाए जाने वाले प्राकृतिक वस्तुएँ जों हमें बिना किसी साइड इफेक्ट और हानि पहुचायें हमें खूबसूरत बनाने में मदद करती है चेहरे पे कालापन दूर करने के उपाय? गर्मीयों में धुप की वजह से या फिर अत्यधिक बाहर काम करने के कारण अगर त्वचा में कलापन आ गया हो तो निम्नलिखित घरेलु उपायों के द्वारा अपने चेहरे पे निखार ला सकतें है। 1* शहद और नीबू का रस बराबर मात्रा लेकर चेहरे पर लगा ले और थोड़ी देर सूखने के बाद इसे धो ले इस प्रक्रिया को नियमित करने पर प्राकृतिक रूप से चेहरे का कालापन दूर होता है 2*मसूर दाल और दूध को पेस्ट बनाकर चेहरे पे लगाना और थोड़ी देर सूखने पर धो ले

भविष्य में होने वाले नये ख़तरनाक वायरस आतंक

महामारी : और उसका भविष्य

नमस्कार 🙏 पिछले कुछ दिनों में हमने कुछ ऐसे वायरस का सामना किया है जो मानव जाति के लिए खतरनाक और महामारी का रूप लेकर आए हैं, जहां इबोला, स्पेनिश फ्लू, स्वाइन फ्लू, कोरोना, आदि कोरोना का खतरा काफी ज्यादा था ।  इसका प्रभाव इतना ज्यादा था की पुरा  विश्व  ठप्प हो गया, ऑक्सीजन की कमी होने लगी मेडिकल और मेडिकल सामग्री भी, महामारी से जूझने के लिए कम पड़ने लगी लिए, हवाई उड़ान में रोक लगा दी गई, कई देशों में लॉकडाउन लगा दिया गया लोगों को अत्यावश्यक काम के अलाबा घरों से निकना मना कर दिया गया। फैक्टरी स्टोर, बंद हो गये मजदूर अपने गांव लौट गए विश्व अर्थव्यवस्था  वास्तव में ही सुन्न सा ही हो गया यह एक बेहद ही दिल दहला देने वाला मंज़र था। पिछले समय की महामारियों से हम वाफिक हैं लेकिन क्या हमने भविष्य में कभी हो सकने वाली महामारी के बारे में सोचा है क्या, क्या होगा भविष्य में अगर कोई कोरोना से भी शक्तिशाली वायरस का आक्रमण होता है, तो इसके परिणाम क्या होंगे तो आइए जानते हैं भविष्य में क्या इस तरह की महामारी आ सकती है उसका परिणाम कैसा होगा, महामारी का असामान्य होने पर कैसा मंजर होगा
भविष्य में संभावित बीमारियां
भविष्य में होने वाले नये ख़तरनाक वायरस  प्रकोप


क्या जल्द ही अगली महामारी आने वाली है



इसका अनुमान अकल्पनीय है क्योंकि यह प्राकृतिक संकट  दुनिया में कभी भी शुरू हो सकता है 
महामारी अक्सर तब शुरू होती है जब जानवरों में मौजूद वायरस एक दूसरे मनुष्य या जानवर में स्थानान्तरित होता है जिससे वह पहले कभी भी संक्रमित नहीं होता है
एक नई महामारी कहि भी शुरू हो सकती है जहां लोगों और जंगली जानवरों या फिर पालतू जानवरों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संबंध हो सकता है। महामारी कभी भी सुरु हो सकती है अतः हमें सतर्क रहना चाहिए 

वैश्विक महामारियों का कारण



फ्रैंचाइज़ी और बड़ी बड़ी फर्मो जो एक बड़े पैमाने पर जंगल का नुकसान कर रही है, वह है जंगली जानवरों से पालतू पशुओ और मनुष्यों मे जंगली कीड़ों से वायरस संक्रमण की संभावना अधिक होती है पालतू पशुओ का एक से दूसरी जगह ले जाया जाना 
 भी वैश्विक महामारी का कारण है
एंटीबायोटिक दबाओ का प्रयोग पशुओ पंछी में भारी मात्रा में होना भी बैक्टीरिया के प्रतिरोध विकाश में मदद करता है एंटीबायोटिक दबाओ का प्रतिरोधी होना भी एक प्रमुख कारण है मुख्य रूप से मुर्गीओं और पंछीयों द्वारा फैलने वाले महामारी
विश्व में अधिक मांस की  खपत भी महामारी के बारे में चिंता उत्पन्न करती है


क्या हो सकती है अगली महामारी?


यह बताना कठिन है की  अगली महामारी क्या हो सकती है फिर भी कुछ महामारी विशेषज्ञ ऐसी चुनौती को शामिल करते है जों तेज़ी से वायरस फैलाने में मदद करते हो  जैसे फ़्लू आदि कई वैज्ञानिक मानते है अगली महामारी के लिए वायरस की वजाय बैक्टीरिया संक्रमण का कारण बन सकता है कुछ अज्ञात वायरस या फिर नये तरह वायरस कोई वैज्ञानिक x वायरस का नामांकरण कर देते है सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलोपमेन्ट के रिपोर्ट के अनुसार महामारी की बार्षिक सम्भाबना 2-3% है इसके अनुसार 2050 तक एक वैश्विक महामारी के होने की सम्भाबना करीब 60% है  आनेबाली महामारी के कई कारण भी हो सकते है इसे नहीं नकारा जा सकता है की जलवायु परिवर्तन, जूनोटिक रोग आदि इसके कारण हो सकते है। अगली महामारी के संभावित आधार 

संभावित अगली महामारी के मुख्य आधार कौन कौन है?

1*इन्फेलुइंज़ा

इन्फेलुइंज़ा एक अत्यधिक संक्रामक बीमारि है जो नाक गले और फेफड़ों को संक्रमित करती है इन्फेलुइंज़ा एक वायरस श्रृंखला है जो विशेष रूप से मानव, पक्षी, तथा सूअर की आबादी में संचारित होता है।

2*कोरोना वायरस



कोरोना वायरस का प्रकोप पिछले 20 सालों में कई बार देखा गया परन्तु covid19  महामारी के दौरान यह स्पष्ट हो गया था की यह वायरस लगातार विकसित हो रहें है, और लगातार बदल रहे है, यह प्रतिरोधी तथा शक्तिशाली भी बनते जाते है वायरस का बदलता स्वरुप भी भीषण महामारी का कारण बन सकता है

3*इबोला



चमगादड़ तथा अन्य जंगली जानबरों द्वारा फैलने वाला एक जुनेटीक बीमारि है 1970 के दशक में अफ़्रीकी राज्य कांगो में देखा गया जहाँ की इबोला नदी के नाम पर इसे इबोला वायरस कहा जाता है इबोला वायरस बहुत ही घातक होता है इसका मृत्युयदर औसत 50% सभी ज्यादा है और समय - समय में यह अपना प्रकोप बदलते स्वरुप में दिखाती रहती है 

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