प्राकृतिक सौन्दर्य साधन :और लाभ

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 नमस्कार पिछले पोस्ट में हमने केमिकल मिश्रित हानिकारक ब्यूटी प्रोडक्ट के बारे में पढ़ा जिनमे मौजूद हानिकारक रसायन तत्काल सुंदरता प्रदान तो करते है परन्तु इनका दूरगामी परिणाम काफी भयाभय होता है जो कई बीमारियों के साथ गंभीर चर्म रोग तथा कैंसर तक के सम्भावना पैदा कर सकते है। तो ऐसे में कुछ प्राकृतिक बस्तुओं से भी हम नेचुरल रूप से चेहरे तथा बालों, शरीर की त्वचा आदि का उचित और सम्पूर्ण देखभाल कर सकते है तो आइये आज जानते है हमारे आसपास मौजूद आसानी से पाए जाने वाले प्राकृतिक वस्तुएँ जों हमें बिना किसी साइड इफेक्ट और हानि पहुचायें हमें खूबसूरत बनाने में मदद करती है चेहरे पे कालापन दूर करने के उपाय? गर्मीयों में धुप की वजह से या फिर अत्यधिक बाहर काम करने के कारण अगर त्वचा में कलापन आ गया हो तो निम्नलिखित घरेलु उपायों के द्वारा अपने चेहरे पे निखार ला सकतें है। 1* शहद और नीबू का रस बराबर मात्रा लेकर चेहरे पर लगा ले और थोड़ी देर सूखने के बाद इसे धो ले इस प्रक्रिया को नियमित करने पर प्राकृतिक रूप से चेहरे का कालापन दूर होता है 2*मसूर दाल और दूध को पेस्ट बनाकर चेहरे पे लगाना और थोड़ी देर सूखने पर धो ले

सर्दियों का मौसम: बीमारिया तथा बचाव

 नमस्कार दोस्तों सर्दीयों का मौसम सुरु होते ही कई तरह की बीमारियां भी सुरु हो जाती है, बच्चों बूढ़ो के लिए यह मौसम कभी भी संकट पैदा कर सकता है यदि साबधानियां अपनाई नहीं जाय तो बदलते मौसम के कारण शरीर में कई मौसमी बीमारियां जैसे सर्दियों, जुकाम, बुखार, आँखों में फ़्लू आदि, आइये आज ऐसे ही कुछ बीमारियों के ऊपर चर्चा करेंगे जों अक्सर सर्दियों के प्रभाव से होते है

1*नजला जुकाम



सर्दियों में अत्यधिक ठण्ड की वजह से नाक का बहना, बंद नाक जुकाम छिंक आना  बुखार रहना तेज़ सर दर्द आदि इसे रॉस्पिरेटरी इन्फेक्शन कहते है इस से बच्चे ज्यादा प्रभावित होते हैँ, इस तरह की बीमारी से बचने के लिए ठण्ड से बचना चाहिए साथ ही पिने के लिए उष्ण जल का उपयोग करना चाहिए बासी तथा ठन्डे भोजन से बचना चाहिये तरल पदार्थो का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना चाहिए

2*इन्फेलुइंज़ा



इन्फेलुइंज़ा सामान्य तौर पर एक प्रकार का फ्लू होता है तेज़ बुखार, गले में खराश सर दर्द बदन में जकड़न मांसपैशिओं में दर्द रहना खांसी आदि इन्फेलुइंज़ा के सामान्य लक्षण है यह इन्फेलुइंज़ा नमक वायरस के कारण फैलता है, विशेषतः इन्फेलुइंज़ा में अपने चिकित्सक के सलाह नुसार एंटीवेक्टरियल दबाओं का प्रयोग करना चाहिये और आराम करना चाहिए

3*निमोनिया 

निमोनिया फेफड़ों का संक्रमण, है जो बैक्टीरिया के कारण होता है इसमें आपको खांसी,बुखार,और श्वसन समस्याएं बदन दर्द आदि इसके प्रमुख लक्षण है कई बार फेफड़ों में इन्फेक्शन की वजह से गंभीर शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती है, सांस लेंने में तकलीफ होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए, काफी दिनों के जुकाम और तेज बुखार भी निमोनिया के संकेत हो सकते है इसलिए सर्दियों में ठण्ड से बचने के लिए विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए

4*हाइपोथर्मिया



अत्यधिक ठण्ड से होनेवाली वीमारी है जिसमें शरीर का बिल्कुल ठंडा पड़ जाना सामान्य से अत्यधिक ठण्ड महशुस करना थकान होना बार बार पेशाव लगना  आदि मधुमेह, गठिया, कुपोषण, अस्थमा के रोगियों को हाइपोथर्मिया का जोखिम बढ़ जाता है नशीले पदार्थों के सेवन तथा कुछ एंटीशायीकोटिस, और एंटीडिप्रेन्सट्स दवाएं भी इस रोग के प्रमुख कारण बन सकती है यह एक प्रकार की आपात स्थिति भी हो सकती है इस अवस्था में बिना कोई देर के अपने चिकित्सक का परामर्श की आवश्यक हो जाता

ऑय फ़्लू (eye flu)



अक्सर बारिश के मौसम के बाद  ही सर्दियों में भी ऑय फ़्लू का खतरा बना रहता है यह एक प्रकार का संक्रमण है जो सीधे संक्रमित व्यक्ति से संपर्क में बने रहने से होता है इसमें आँखों में जलन, आँखों का लाल होना, आँखों से कीचड़ आना, आँखों से देखने में कठिनाई होना आदि इसके लक्षण है इसके बचाव के लिए संक्रमित व्यक्तिओं से संपर्क से बचना चाहिए आँखों में चश्मे का उपयोग करना चाहिए स्थिति में सुधार के लिए चिकित्सक से परामर्श करना चाहिये 





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