प्राकृतिक सौन्दर्य साधन :और लाभ

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 नमस्कार पिछले पोस्ट में हमने केमिकल मिश्रित हानिकारक ब्यूटी प्रोडक्ट के बारे में पढ़ा जिनमे मौजूद हानिकारक रसायन तत्काल सुंदरता प्रदान तो करते है परन्तु इनका दूरगामी परिणाम काफी भयाभय होता है जो कई बीमारियों के साथ गंभीर चर्म रोग तथा कैंसर तक के सम्भावना पैदा कर सकते है। तो ऐसे में कुछ प्राकृतिक बस्तुओं से भी हम नेचुरल रूप से चेहरे तथा बालों, शरीर की त्वचा आदि का उचित और सम्पूर्ण देखभाल कर सकते है तो आइये आज जानते है हमारे आसपास मौजूद आसानी से पाए जाने वाले प्राकृतिक वस्तुएँ जों हमें बिना किसी साइड इफेक्ट और हानि पहुचायें हमें खूबसूरत बनाने में मदद करती है चेहरे पे कालापन दूर करने के उपाय? गर्मीयों में धुप की वजह से या फिर अत्यधिक बाहर काम करने के कारण अगर त्वचा में कलापन आ गया हो तो निम्नलिखित घरेलु उपायों के द्वारा अपने चेहरे पे निखार ला सकतें है। 1* शहद और नीबू का रस बराबर मात्रा लेकर चेहरे पर लगा ले और थोड़ी देर सूखने के बाद इसे धो ले इस प्रक्रिया को नियमित करने पर प्राकृतिक रूप से चेहरे का कालापन दूर होता है 2*मसूर दाल और दूध को पेस्ट बनाकर चेहरे पे लगाना और थोड़ी देर सूखने पर धो ले

बढ़ते बच्चों का पोषण


 नमस्कार, दोस्तों आज हम एक ऐसे विषय में चर्चा करेंगे जो विषय काफि महत्वपूर्ण है। और बच्चों के विकास से जुडी हुई है, जो विषय है बढ़ते उम्र के बच्चों के मानसिक तथा शारीरिक विकाश हेतु किस तरह का आहार पोषण आवश्यक होता है.




बच्चों के शारीरिक तथा मानसिक विकास हेतु :पोषण

बढ़ती आधुनिक वातावरण का प्रभाव अब सिर्फ शहरों का ही विषय नहीं है यह गाओं की भी समस्या बन गयी है जो हमारी खानपान से जुडी मान्यताओ को विस्थापित कर रही है अब बच्चे भी घरेलु भोजन सामग्री से ज्यादा, बाजार के डिब्बाबंद खाध्य वस्तुओं तथा बाहर के कई तरह के फ़ास्ट फ़ूड का उपयोग करना पसंद करते है माता पिता भी अपनी सहजता के लिए इसी तरह के खाद्य वस्तुओं को प्राथमिकता देने लगे है परन्तु जब ऐसी वस्तुओं का उपयोग जो हमारे वातावरण में अनुकूल नही होते है तो यह सभी हमें रोग ग्रस्त तथा हमें कमजोर बना सकते है जो कभी भी हमारे बच्चों के मानसिक तथा शारीरिक विकाश को आगे नहीं बढ़ा सकते है. बच्चों के उम्र के अनुसार उनकी पोषण सम्बंधी आवस्यकता अलग अलग होती है और बच्चों में उनकी भोजन रूचि भी अलग अलग होती है जो उम्र के साथ बदलती रहती है इन स्थितियों का ध्यान रखते हुए बच्चों की पोषण सम्बंधित अहार में उनके रूचि अनुसार परिबर्तन करते रहना चाहिए बच्चों के आहार में उनके आयु, और रूचि से सम्बंधित  प्रोटीन कार्बो हाइड्रएट, वसा, तथा विटामिनस आदि की संतुलित मात्रा का होना अनिवार्य है

बढ़ते बच्चों का आहार कैसा होना चाहिए?


यह प्रश्न बेहद ही जरुरी विषय है. और माता पिता तथा अभिभावक को यह समझना चाहिये बच्चों की आहार में प्राकृतिक वस्तुओं का प्रयोग  ज्यादा से ज्यादा होना चाहिए जिसमे ताजी फल तथा सब्जियाँ ले सकते है बच्चों को फल तथा सब्जिओं का सेवन भी मौसम अनुरूप ही करना चाहिये ताकि उनमे रोग प्रतिरोध क्षमता बनी रहे चाहिये। आइये बढ़ते उम्र के बच्चों के लिए कुछ खास फलो तथा ड्राई फ्रूट अन्य खाद्य बस्तुओं के बारे में जानते है

दही



दही प्रोटीन, कैल्शियम,  विटामिन डी, और प्रोबायोटिक्स का अच्छा स्रोत है प्रोटीन का अच्छा स्रोत होने के कारण बढ़ते बच्चों में मांसपेसी विकास तथा कोशिकाओं के निर्माण में सहयोग करता है प्रोबयोटिक्स में मिलने बाले लैक्टोबेसिलस बैक्टीरिया जो मनुष्य की आंतो को रोग पैदा करने बाले बैक्टीरिया से सुरक्षित रखता है तथा कब्ज और पाचन सम्बंधित रोगों से दूर रखने में मदद करता है

पपीता



पपीता काफ़ी पौष्टीक फलों में से एक है इसमें बिभिन्न प्रकार के विटामिनस के साथ ही फोलिक एसिड तथा  तथा फाइबर का प्रमुख स्रोत है पपीता में पपैईन तथा काइमोपापाइन नामक प्रोटोॉलिटिक्स एंज़आइम मौजूद होते है जो एंटीबैक्टीयरल तथा एंटीफँगस,और एंटीवायरस होते है जो बढ़ते हुए बच्चों में इम्यून सिस्टम को कारगर रखने मे मदद करते है, यह सूपाच्य होने के साथ ही पेट के किड़ो को भी साफ रखने में भी मदद करता है

केला

केला भी शारीरिक स्वास्थ्य के लिए एक महत्व पूर्ण भूमिका निभाता है केले में विटामिन b6, विटामिन सी, विटामिन a, फोलिक एसिड पोटैसियम, मैंगनेसियम, बायोटिन, और  फाइबर आदि पाए जाते है जिस वजह से यह एक बेहतरीन फल है जो बढ़ती उम्र के बच्चों में पोषण के लिए उपयुक्त है इसमें अच्छी खासी ग्लूकोज की मात्रा के कारण तुरंत ऊर्जा का स्रोत भी है।

दूध



बच्चों के मानसिक तथा शारीरिक विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा दूध का भी होता है बिशेष रूप से बढ़ते हुए बच्चों के लिये दूध में वे सभी आवश्यक पोशकतत्त्व मौजूद होते है जो उन्हें स्वस्थ रखने और सभी शारीरिक आवस्यकता की पूर्ति करते हो खासकर इसमें मौजूद कैल्शियम, तथा फोस्फोरस हड्डी, नाख़ून, तथा दांतो  को स्वस्थ रखने में मदद करता है

बादाम



स्वस्थ की दृष्टि से बादाम एक उम्दा किस्म का ड्राई फ्रूट है बढ़ते बच्चों की शारीरिक विकाश के साथ ही मानसिक विकास के लिए एक जादुई फल है बादाम में विटामिन ई के साथ ही ओमेगा 3 फैटीएसिड जो मानसिक विकास के लिए आवश्यक तत्त्व पाए जाते है जो बच्चों में दिमागी क्षमता विकसित करता है साथ ही यह मेग्नेसियम का अच्छा स्रोत है, साथ ही इसमें पाया जाने वाला प्रोटीन बढ़ते हुए बच्चों के शारीरिक विकाश का भी काम करता है 

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