प्राकृतिक सौन्दर्य साधन :और लाभ

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 नमस्कार पिछले पोस्ट में हमने केमिकल मिश्रित हानिकारक ब्यूटी प्रोडक्ट के बारे में पढ़ा जिनमे मौजूद हानिकारक रसायन तत्काल सुंदरता प्रदान तो करते है परन्तु इनका दूरगामी परिणाम काफी भयाभय होता है जो कई बीमारियों के साथ गंभीर चर्म रोग तथा कैंसर तक के सम्भावना पैदा कर सकते है। तो ऐसे में कुछ प्राकृतिक बस्तुओं से भी हम नेचुरल रूप से चेहरे तथा बालों, शरीर की त्वचा आदि का उचित और सम्पूर्ण देखभाल कर सकते है तो आइये आज जानते है हमारे आसपास मौजूद आसानी से पाए जाने वाले प्राकृतिक वस्तुएँ जों हमें बिना किसी साइड इफेक्ट और हानि पहुचायें हमें खूबसूरत बनाने में मदद करती है चेहरे पे कालापन दूर करने के उपाय? गर्मीयों में धुप की वजह से या फिर अत्यधिक बाहर काम करने के कारण अगर त्वचा में कलापन आ गया हो तो निम्नलिखित घरेलु उपायों के द्वारा अपने चेहरे पे निखार ला सकतें है। 1* शहद और नीबू का रस बराबर मात्रा लेकर चेहरे पर लगा ले और थोड़ी देर सूखने के बाद इसे धो ले इस प्रक्रिया को नियमित करने पर प्राकृतिक रूप से चेहरे का कालापन दूर होता है 2*मसूर दाल और दूध को पेस्ट बनाकर चेहरे पे लगाना और थोड़ी देर सूखने पर धो ले

डॉ.संन्दुक रुईत

 कौन है डॉ. संन्दुक रुईत



नमस्कार मित्रों आज हम एक ऐसे शख्स के बारे में जानेंगे जिन्हे लोग लोग दक्षिण एशिया में आँखों के रोग के लिए भगवान से कम नहीं मानते है

परिचय

डॉ संन्दुक रुईत एक विश्व विख्यात दृष्टि रोग विशेषज्ञ है जिन्होंने अपना जीवन दृष्टिविहीन लोगों को उनकी आँखों की रौशनी लौटाने में समर्पित कर दिया।डॉ रुईत तिलगंगा इंस्टिट्यूट ऑफ़ ओपथाल्मोंलॉजी के सह संस्थापक भी है जो नेपाल में सबसे बड़ी आँखों की हॉस्पिटल है रुईत ने अपने काम से विश्व में लाखों लोगों की आँखों की रौशनी लौटाने में मदद की है इस कार्य के लिए उन्हें विश्व भर से कई मान सम्मानों और पदवी द्वारा सम्मानित किये गए उनकी कहानी तथा उपलब्धियां हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है

व्यक्तिगत जीवन तथा पारिवारिक विवरण



डॉ. संन्दुक रुईत का जन्म नेपाल के दुर्गम जिला तापलेजूंग के वोलांग चुला गांव में 4 सितम्बर 1954 में हुआ था उनका बाल्यकाल बेहद ही संघर्ष पूर्ण रहा उनके पिता का नाम सोनम रुईत और उनके माता का नाम केसांग रुईत था उनकी पत्नी का नाम नंदा रुईत है उनकी दो बेटियां और एक पुत्र है तिब्बती संस्कारो के अनुसार उनके पिता ने उनका नाम संन्दुक रखा था जिसका अर्थ होता है "आकाश का ड्रैगन " संन्दुक रुईत जब छोटे थे तो उनके भाई की मृत्यु अतिसार (dysentry) के कारण हो गई, और उनकी बहन यंगला की मृत्यु भी क्षय रोग  (tuberculosis) से हो जाती है इस घटना ने उनके जीवन में गहरा प्रभाव डाला और उन्होने बड़े होकर  स्वास्थ्य सेवा से बंचित लोगों की मदद करने की ठान ली

शैक्षणिक उपलब्धियां



डॉ रुईत की प्रारम्भिक शिक्षा 7वर्ष की उम्र में दार्जीलिंग के सत. रोबर्टस स्कूल भारत में हुई, उन्होने अपनी माध्यमिक तह की शिक्षा  सिद्धार्थ वनस्थली स्कूल काठमांडू से पूरी की 1970 में उन्होने माध्यमिक विद्यालय परीक्षा  प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने के बाद उन्होने काठमांडू में ही त्रिचंद्र कॉलेज से बिज्ञान के बिषय से इंटरमीडिएट की शिक्षा प्राप्त की और इस दौरान उन्हें किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ से MBBS की पढ़ाई के लिए छात्रवृति मिला।सन् 1984 में उन्होंने आल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस (AIIMS) से ओपथमलॉजी  में MD की।

कार्यक्षेत्र तथा सेवा

डॉ रुईत ने काठमांडू के वीर अस्पताल में फिजिशियन के रूप में तीन साल तक सेवा की बाद में उन्होने नेपाल ऑय अस्पताल (nepal eye hospital )में आठ साल की सेवा के बाद आगे की शिक्षा के लिए 1987 में ऑस्ट्रेलिया प्रस्थान किया



तिलगंगा अस्पताल

डॉ रुईत का सपना था की वे एक आँखों के रोगों के लिए अस्पताल की स्थापना करेंगे, और उनका सपना पुरा करने के लिए ऑस्ट्रेलिया के डॉ. हालौज ने उनका साथ दिया ऑस्ट्रेलिया स्थित फ्रेड हालौज फाउंडेशन, नेपाल के समाज सेवी जगदीश घिमिरे कलाकार मदन कृष्ण -हरिवंश नेपाल के उद्योगपति रविंद्र श्रेष्ठ सुहृत घिमिरे दिवाकर गोलछा डॉ रीता गुरुंग आदि ने उनका साथ दिया  इस तरह जून 1994 में तिलगंगा अस्पताल की स्थापना की गई जो अभी मानव संसाधन तालीम केंद्र के रूप में स्थापित है

दृष्टि के देवता( The God Of Sight)



डॉ. संन्दुक रुईत को दृष्टि के देवता के रूप में जाना जाता है। जिन्होंने अफ्रीका तथा एशिया में तक़रीबन 180,000 लोगों में आँखों के ऑपरेशन द्वारा मोतिविंद तथा अन्य दृष्टिदोष सम्बन्धी समस्याओं का निराकरण कर उनकी दृष्टि लौटाने में मदद की। 90 के दशक में आँखों में होने वाली बीमारी मोतिविंद का इलाज काफ़ी महँगा होता था और कई दुर्गम इलाकों में गरीबो के लिए इसका इलाज करना प्राय असंभव था, इसलिए स्थिति को सहज़ बनाने के लिए डॉ. रुईत ने एक नया इंट्राअक्युलर लेंस विकसित किया, जिसके उत्पादन का लागत काफ़ी कम होता है। अमेरिकी उत्पाद लेंस के लागत से करीब 90% कम लागत में उत्पादन होने वाले इस इंट्राॉक्यूलर लेंस का उपयोग विश्व के प्राय अधिकतर देशों में किया जाता है रुईत की इस विधी द्वारा किये जाने वाले शल्य क्रिया को रुईटॉनमी के नाम से जाना जाता है रुईत द्वारा ईजाद किये गए लेंस काफ़ी सस्ते होने के वावजूद इनकी सफलता का दर 98% है जो किसी भी पश्चिमी उत्पाद लेंस से ज्यादा है, रुईत की विधि अब अमेरिकी मेडिकल स्कूलों  में भी पढ़ाई जाती है। डॉ रुईत द्वारा स्थापित तिलगंगा इंस्टिट्यूट ऑफ़ ओपथोंल्मोंलॉजी तथा हिमालयन कैटट्रैक्ट प्रोजेक्ट साथ में मिलकर दुनिया भर के कठिन और दुर्गम स्थानों में सेवा प्रदान करते है संस्थान द्वारा ग्रामीण तथा अलग थलग पड़े इलाकों में अपनी निशुल्क सेवा प्रदान करता है रुईत और उनकी टीम मोबाइल नेत्र शिवीर का आयोजन  करती है जिनमे कृत्रिम आँखों द्वारा होनेवाली उपचार विधि भी शामिल है 

अप्रैल 2021 में डॉ. रुईत ने तेज कोहली और रुईत फाउंडेशन को 2026 तक 1000000 लोगों की जाँच करने और 300000 लोगों की अंधेपन की इलाज करने के मिशन  के साथ लॉन्च  किया है 

डॉ संन्दुक रुईत: अंतराष्ट्रीय स्तर में ख्याति।



•अंतराष्ट्रीय स्तर में डॉ. रुईत बेहद ही ख्याति प्राप्त व्याक्तित्व है।कई अंतराष्ट्रीय संघ संस्था तथा अन्य समाचार एजेंसीयों द्वारा डॉक्यूमेंट्री फिल्मो के चित्रण द्वारा उनके सराहनीय काम की प्रशंसा  की गई है 2006 में नेशनल जियोग्राफीक डॉक्यूमेंट्री इनसाइड नार्थ कोरिया का प्रसारण बेहद ही चौकाने वाला था जिसमे नार्थ कोरिया जैसा अतिबादी तानाशाही देश में रुईत को शल्य क्रिया की अनुमति देना और रोगियों द्वारा मिले अपेक्षिकृत परिणाम को लेकर उनकी प्रशंसा  तत्कालीन सर्वोच्च नेता किम जोंग द्वारा किये जाने को चित्रण में दिखाया गया है

•नेशनल जियोग्राफिक के एक और डॉक्यूमेंट्री में उन्हें मिरेकल डॉक्टर :क्यूरिंग ब्लाइंडेन्स में उनका जिक्र है

•अल जजीरा कि डॉक्यूमेंट्री :द गिफ्ट ऑफ़ साइट

•बीबीसी की डॉक्यूमेंटरी सीरीज :ह्यूमन प्लेनेट के पांचवे एपिसोड में उनके कामो के बारे में दिखाया गया है

•रायटर्स फीचर :द मैजिक डॉक्टर

•डेली यू एस टाइम्स :डॉ, संन्दुक रुईत हि इज द गॉड ऑफ़ साइट। और भी दुनिया भर के समाचार माध्यम में उन्हें बिभिन्न उपनामों की संज्ञा द्वारा डाक्यूमेंट्री वीडियो के रूप में प्रस्तुत किया गया है 

सम्मान तथा पुरस्कार।



•जून 2006 में उन्हें अंतराष्ट्रीय स्तर पर उनके कामों की प्रसंशा  के लिए रेमन मैगसेसे पुरस्कार से सामनानीत किया गया 

•5मार्च 2007 में उन्हें एसियायी पुरस्कार से सम्मानित किया गया

•17दिसंबर 2015में उन्हें भूटान के नेशनल आर्डर ऑफ़ मेरिट से सम्मानित किया गया.

•27अक्टूबर 2016 में एशिया सोसाइटी की ओर से एशिया गेम चेंजर अवार्ड मिला

•2018 में भारत सरकार द्वारा देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया

•21फेब्रुअरी 2023में डॉ रुईत को बहरीन के राजा हमद बिन इसा अ ल  खलीफा द्वारा $1मिलियन राशि का पुरस्कार राजकीय समारोह के दौरान मानवता की सेवा के लिए प्रदान किया गया।

इस तरह डॉ रुईत का जीवन हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है 

................................ धन्यवाद...................................


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